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लेखक:

धर्मपाल महेंद्र जैन

जन्म : 1952, रानापुर, कर्मभूमि मेघनगर, जिला-झाबुआ, म.प्र.।

निवास : टोरंटो (कनाडा)

शिक्षा : भौतिकी; हिन्दी एवं अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर

प्रकाशन : सात सौ से अधिक कविताएँ व हास्य-व्यंग्य प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।

व्यंग्य संकलन : ‘इमोजी की मौज में’, ‘दिमाग वालो सावधान’ व ‘सर क्यों दाँत फाड़ रहा है’।

कविता संग्रह : ‘कुछ सम कुछ विषम’, ‘इस समय तक’ प्रकाशित। 25 से अधिक साझा संकलनों में।

संपादन : स्वदेश दैनिक (इन्दौर) में 1972 में संपादन मंडल में, 1976-1979 में शाश्वत धर्म मासिक में प्रबंध संपादक।

व्यंग्य स्तंभ : चाणक्य वार्ता (पाक्षिक), सेतु (मासिक) व विश्व गाथा (त्रैमासिक) में।

संप्रति : दीपट्रांस में कार्यपालक। पूर्व में बैंक ऑफ इंडिया, न्यूयॉर्क में सहायक उपाध्यक्ष एवं उनकी कई भारतीय शाखाओं में प्रबंधक।

भीड़ और भेड़िए

धर्मपाल महेंद्र जैन

मूल्य: Rs. 325

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